WHO WE ARE

“Har Haath Mein Kalam Pathshala” was started on 5 September 2018 when Police Constable Mr. Rohit Kumar posted at GRP Unnao Uttar Pradesh saw children engaged in begging at Korari station and he decided to make them literate.
It is operated by Prakash Punj Foundation which is registered under Uttar Pradesh Society Registration Act 1860 with registration number ETW/10081/2021-2022

The main objective of “Har Haath Mein Kalam Pathshala” is to provide education to the poor, needy and nomadic children living in slums and their overall development. The children living in slums are still far and wide deprived of education. Even today, they are seen in the society engaged in child labour, begging or garbage picking.

“हर हाथ में कलम पाठशाला”ने इन बच्चों की विस्तृत शिक्षा के साथ-साथ उनकी अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु बड़े और ठोस कदम उठाए हैं अब तक 500 से ज्यादा बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जा चुका है जिनके लिए शिक्षा एक सपना था आज कई गांव नगरों और शहरों में “हर हाथ में कलम पाठशाला” बड़े स्तर पर अपने सहयोगियों और समस्त स्टाफ के साथ मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों को शिक्षा एवं आवश्यक संसाधन मुहैया करा रही है पाठशाला बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ स्टेशनरी ड्रेसमेटेरियल, भोजन, बस्त्रादि निशुल्क जन सहयोग से मिलकर प्रदान करती है। पाठशाला इन बच्चों को इस प्रकार शिक्षा की ओर अग्रसर कर रही है कि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो और देश के भाभी नागरिक बने।

झुग्गी-झोपड़ियों में शिक्षा का खराब माहौल एवं उनके घुमंतू जीवन यापन बच्चों की शिक्षा में बाधक न बने इसलिए इस समस्या के समाधान के लिए संस्थान ने समाज उत्थान से जुड़े महानुभावों के सहयोग से निशुल्क आवासीय पाठशाला का निर्माण दिनांक 24 दिसंबर 2023 को ग्राम मुडैना मल्हौसी भरथना इटावा उत्तर प्रदेश में भूमि पूजन कर किया जाएगा।
जहां बच्चों को एक ऐसा वातावरण मिले उन्हें अच्छी शिक्षा, संस्कार, बोलचाल की भाषा,अपनी मातृभाषा, परिवार समाज और देश के प्रति अपने कर्तव्यों और अधिकारों का ज्ञान हो सके और इन बच्चों का सर्वांगीण विकास हो और देश के भावी नागरिक बने और अपने जीवन का इतिहास लिखे एवं प्रकाश पुंज फाउंडेशन के सानिध्य में संसार रूपी आकाश में सूर्य बनकर चमके।

“हर हाथ में कलम पाठशाला” का मुख्य ध्येय गरीब जरूरतमंद तथा मलिन बस्तियों में रहने वाले खानाबदोश जीवन जीने वाले बच्चों को शिक्षा प्रदान कर उनका सर्वांगीण विकास करना है मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चे आज भी शिक्षा से दूर-दूर तक वंचित हैं यह बच्चे बाल मजदूरी, भिक्षावृत्ति में लिप्त या कूड़ा बीनते हुए आज भी समाज में दिखाई देते हैं।

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